New Delhi: 55 साल बाद पाकिस्तान गए थे देव आनंद, इस बिल्डिंग को देखकर फूट-फूट कर रोए

New Delhi: 55 साल बाद पाकिस्तान गए थे देव आनंद, इस बिल्डिंग को देखकर फूट-फूट कर रोए

हिंदी फिल्मों के सदाबहार अभिनेता देव आनंद का पाकिस्तान से बहुत गहरा रिश्ता रहा है. जन्म से लेकर कॉलेज की पढ़ाई तक सबकुछ उनका पाकिस्तान के लाहौर में ही हुआ. हालांकि 1947 में भारत की आजादी के बाद अभिनेता भारत आ गए और मुंबई में रहकर उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत कर दी. लेकिन, उनका पुश्तैनी घर लाहौर में ही था. 55 साल बाद देव आनंद एक बार पाकिस्तान गए थे. देव आनंद उन सभी जगहों पर गए जहां से उनका गहरा लगाव रहा था. अपने पुराने दिन को याद कर वो काफी भावुक थे. कुछ जगहे तो ऐसी थीं, जिन्हें देख वो फूट-फूट कर रोने लगे थे.

साल 1999 में देव आनंद जब लाहौर गए तो वो बेहद भावुक थे. देव आनंद अपनी किताब “रोमांसिंग विद लाईफ” में लिखते हैं कि जब वागा से वो पाकिस्तान पहुंचे तो वहां इतने सालों में उन्हें बहुत कुछ बदला-बदला सा नज़र आ रहा था. लेकिन मॉल रोड पर रखी तोप को देख उन्हें अपने पुराने दिनों की याद आ गई और देव आनंद समझ गए कि अब उनका कॉलेज आने वाला है.

फूट-फूट कर रोए थे देव आनंद

जब अपने कॉलेज पहुंचे तो भावुक हो गए. कैंपस की बिल्डिंग और क्लासरुम का दीदार करते ही देव आनंद को अपने बीते हुए दिन याद आने लगे. कॉलेज पहुंच कर देव आनंद वहां के कॉरिडोर में लगे पिलर को गले लगाकर फूट-फूट कर रोने लगे थे. क्योंकि, अभिनेता का उस पिलर से गहरा नाता रहा था. दरअसल, देव आनंद कॉलेज की पढ़ाई के दौरान अपने दोस्तों के साथ वहीं पर गप्पे लड़ाया करते थे. जब वो अकेले पड़ जाते थे तो उसी पिलर के साथ गुफ्तगू कर लिया करते थे. यही नहीं, इस पिलर को देख उन्हें अपने पहले प्यार की भी याद आ गई थी.

देव आनंद का पाकिस्तान से है गहरा नाता

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता देव आनंद का जन्म 26 सितंबर 1923 को पाकिस्तान में हुआ था. उनकी पढ़ाई-लिखाई भी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से ही हुई थी. गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से ग्रेजुएशन करके देव आनंद 1943 में बॉम्बे चले गए थे. वो चाहते थे कि इंग्लिश लिटरेचर से मास्टर्स करें लेकिन उनके पिता की फाइनेंशियल कंडिशन उतनी अच्छी नहीं थी. फिर, वो जॉब की तलाश में मुंबई के लिए निकल पड़े और बाद में देव आनंद ने एक्टिंग में करियर की शुरुआत की. उनके अभिनय को इतना पसंद किया गया कि वो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में करने वाले देव आनंद ने भारतीय सिनेमा में अपनी छाप अमिट छोड़ दी.

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